लेखनी कहानी -14-Nov-2022# यादों के झरोखों से # मेरी यादों की सखी डायरी के साथ
प्रिय सखी ।
कैसी हो ।आज मै तुम्हे 4/2/2022 की बात बता रही हूं । ध्यान से सुनना।
हाजिर हूं अपने वादे मुताबिक ।कल कहा था ना कि घर मे शादी मे जाने की तैयारियां हो रही थी अब बता ही देती हूं किस की शादी थी ?
मेरे भांजे की शादी थी। शादी का कार्ड आया था आजकल तो नया जमाना है शादी का कार्ड वहटस अप पर ही भेज दिया । वैसे देखा जाए तो ठीक भी है कागज की बचत, डाक खर्च की बचत पर वो पहले जमाने वाली बात ही नही है
पहले लोग शादी से दस पन्द्रह दिन पहले कार्ड बांटते थे।पूरा कुनबा इकठ्ठा होकर पहला कार्ड गणपति जी को भेंट करने मंदिर जाते थे ताकि विवाह सुख शांति से हो जाए।
शादी क्या दस दिन पहले तो विवाह के गीत गाए जाते थे
मुझे याद है जिस बहन के लड़के की शादी थी जब मेरी उस बहन की शादी थी तब मुझे याद है आठ दिन पहले तो गीत गाने शुरू हो गये थे अड़ोस-पड़ोस की औरते गीत गाने आती थी मम्मी उनको हर बार लड्डू देते थे। दिन में पापड़ बड़ियां बनाते वक्त गीत गाए जाते थे और रात को बन्नी, जकड़ी और नाच होता था।पूरा घर चहकता रहता था पर अब वो बात नहीं है।
बस मन उदास था। शादी कार्ड देख कर, कार्ड पर दीदी के नाम के आगे स्वर्गीय लिखा है मात्र 48साल की उम्र मे ।वो कैसे हुआ ये भी एक किस्सा है कल बताऊंगी
अच्छा चलती हूं।
अच्छा सखी अलविदा।
Khan
29-Nov-2022 05:32 PM
बेहतरीन प्रस्तुति 🙏👌🌺
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आँचल सोनी 'हिया'
17-Nov-2022 12:11 AM
Bahut sundar rachna 🌺🌸
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Gunjan Kamal
15-Nov-2022 04:27 PM
बेहतरीन
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